छत्तीसगढ़ की महिलाओं में विधायक बनने की होड़, मांगी 40 फीसदी दावेदारी
छत्तीसगढ़ की राजनीति में महिलाओं की सक्रियता लगातार बढ़ती जा रही है. न सिर्फ उनकी विधायक बनने की दावेदारी बढ़ी, बल्कि अधिक संख्या में महिलाएं चुनाव जीतकर सदन में पहुंची हैं.
रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में महिलाओं की सक्रियता लगातार बढ़ती जा रही है. न सिर्फ उनकी विधायक बनने की दावेदारी बढ़ी, बल्कि अधिक संख्या में महिलाएं चुनाव जीतकर सदन में पहुंची हैं. वर्तमान में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 18 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ में पहला विधानसभा चुनाव 2003 में हुआ था, उस समय चुनाव लड़ने वाली महिलाओं की संख्या 62 थी और 2018 के चुनाव में उनकी संख्या बढ़कर 115 हो गई। इसी तरह, 2003 में यह संख्या चुनाव जीतकर विधायक बनने वाली महिलाओं की संख्या छह थी, जो वर्तमान में बढ़कर 16 हो गयी है |
देश में सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट 2022 के मुताबिक, छत्तीसगढ़ की विधानसभा में सबसे ज्यादा 18 फीसदी महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद अब तक पांच उपचुनाव हो चुके हैं। इन तीनों उपचुनावों में कांग्रेस ने महिला उम्मीदवारों को मौका दिया और तीनों में जीत हासिल की |
बीजेपी-कांग्रेस से इतने को मौका
2003 के चुनाव में बीजेपी ने छह और कांग्रेस ने आठ महिलाओं को टिकट दिया था. इसमें बीजेपी से चार और कांग्रेस से एक भी महिला चुनाव नहीं जीत सकीं. 2008 के चुनाव में बीजेपी ने 10 और कांग्रेस ने 10 महिलाओं को टिकट दिया था. इसमें भाजपा से छह और कांग्रेस से पांच महिलाएं चुनाव जीतीं।
2013 के चुनाव में बीजेपी ने 10 और कांग्रेस ने 12 महिलाओं को टिकट दिया था. इसमें भाजपा से छह और कांग्रेस से चार महिलाएं चुनाव जीतीं। 2018 के चुनाव में बीजेपी ने 14 महिलाओं को टिकट दिया है. वहीं, कांग्रेस ने 13 महिलाओं को मैदान में उतारा है. पहले राउंड में बीजेपी की एक महिला और कांग्रेस की 12 महिलाएं चुनाव जीतीं. उपचुनाव के बाद कांग्रेस से तीन और महिलाएं चुनाव जीतीं।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य फूलोदेवी नेताम ने कहा
छत्तीसगढ़ में अब तक विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है। मुझे यकीन है कि इस बार भी कम से कम 40 फीसदी महिलाओं को टिकट मिलेगा।छत्तीसगढ़ बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने कहा, बीजेपी कम से कम 33 फीसदी टिकट महिलाओं को देती है। इस बार पहली सूची में ही पांच सक्रिय महिलाओं को टिकट मिला है। उम्मीद है कि भविष्य में महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलेगा।
90 विधानसभा सीटों पर पिछले चुनावों में महिलाओं की दावेदारी
चुनावी वर्ष महिला प्रत्याशी सदन पहुंची
2003 62 06
2008 94 12
2013 83 10
2018 115 16
प्रदेश में अभी ये हैं महिला विधायक
अंबिका सिंहदेव (बैकुंठपुर)
उत्तरी गणपत जांगड़े (सारंगढ़)
रेणु जोगी (कोटा)
डा. रश्मि सिंह (तखतपुर)
इंदू बंजारे (पामगढ़)
शकुंतला साहू (कसडोल)
अनिता शर्मा (धरसींवा)
डा. लक्ष्मी ध्रुव (सिहावा)
रंजना साहू (धमतरी)
संगीता सिन्हा (संजारी बालोद)
अनिला भेड़िया (डौंडीलोहारा)
ममता चंद्राकर (पंडरिया)
छन्नी साहू (खुज्जी)
देवती कर्मा(दंतेवाड़ा)
यशोदा वर्मा(खैरागढ़)
सावित्री मंडावी (भानुप्रतापपुर)